इश्क का मजहब सबसे ऊपर क्या समझेगा ये समाज। इश्क का मजहब सबसे ऊपर क्या समझेगा ये समाज।
रंगों को मज़हब का नाम मत दो , नफरतों का यू तुम पैग़ाम मत दो । रंगों को मज़हब का नाम मत दो , नफरतों का यू तुम पैग़ाम मत दो ।
जुबां हासिये पे और अंगूठे सरदार हो गए। खेल, खिलौने, बाजा, मोटर गुड्डे-गुड़िया जुबां हासिये पे और अंगूठे सरदार हो गए। खेल, खिलौने, बाजा, मोटर गुड्डे-गुड...
हम हैं जिंदा उसकी रहमत। ज़िंदगी क्या रब की नेमत। हम हैं जिंदा उसकी रहमत। ज़िंदगी क्या रब की नेमत।
कब इम्तिहान आसान था पर मुझे देख, हम निशब्द खड़े रह गए ! कब इम्तिहान आसान था पर मुझे देख, हम निशब्द खड़े रह गए !
उर्दू फारसी अरबी इंगलिश सबको दिया शरण माता हिन्दी को नमन। उर्दू फारसी अरबी इंगलिश सबको दिया शरण माता हिन्दी को नमन।